फ्लाइट इंस्ट्रक्टर के निर्देशों की अनसुनी कर रहे थे कैप्टन और ट्रेनी पॉयलट, थोड़ी देर बाद हो गया चाइम्स एविएशन का प्लेन क्रैश

भोपाल। ढाना स्थित चाइम्स एविएशन एकेडमी में प्लेन उड़ान भरने से पहले और उसके जमीन पर उतरते समय विजिबिलटी का आकलन नजर के आधार पर किया जाता था। यह खुलासा जिला प्रशासन द्वार अपर कलेक्टर मूलचंद वर्मा और तत्कालीन एडिशनल एसपी राजेश व्यास द्वारा की गई जांच में हुआ है। जांच अधिकारी व्यास व वर्मा को घटना वाली रात के संबंध में फ्लाइट इंस्ट्रक्टर सारिक अली ने बताया है कि कैप्टन अशोक मकवाना और ट्रेनी पियूष चंदेल उनके बार-बार चेताने के बाद भी निर्देशों की अनसुनी कर रहे थे।


यह पड़ताल कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक के निर्देश पर की गई थी। एविएशन डायरेक्टोरेट मप्र को सौंपी इस रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों ने बताया कि एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) में विजिबिलटी मापने का कोई उपकरण या सिस्टम नहीं है। व्यास के अनुसार एविएशन का सपोर्ट स्टाफ वहां स्थापित किए गए मार्किंग स्पॉट से दूरी का माप करता है। जो अत्यंत ही अव्यावहारिक और अवैज्ञानिक है। अधिकारियों ने यह निष्कर्ष एविएशन के ट्रेनी आयुषकुमार सक्सेना के बयानों के आधार निकाला।





फ्लाइट इंस्ट्रक्टर अली बोले, मैने भोपाल उतरने को कहा था



  • जांच अधिकारी व्यास व वर्मा को घटना वाली रात के संबंध में फ्लाइट इंस्ट्रक्टर सारिक अली ने बयान दिया है। उनका कहना था कि मैं 3 जनवरी को ड्यूटी पर था। कैप्टन अशोक मकवाना और ट्रेनी पियूष चंदेल शाम 6.45 बजे क्रॉस कंट्री फ्लाइट पर महोबा गए थे। 

  • उस समय मौसम साफ था। रात 8.40 बजे जब वे वापस लौटे तो वे लोग 32 नॉटिकल माइल अंदर थे। उस समय मैंने कहा था कि विजिबिलटी कम हो रही है। आप जल्दी आइए। जवाब में उन्होंने कहा कि जब हम 10 माइल पर होंगे तब आपको रिपोर्ट करेंगे। 

  • वे 10 माइल पर आए तो मैंने कहा कि आप लोग भोपाल लैंड करें। जवाब में उन्होंने कहा कि हम लोग रनवे 35 पर उतरेंगे। इसके बाद उन्होंने 3 माइल गो- अराउंड किया तो मैंने फिर कहा कि आप भोपाल के लिए अपनी उड़ान परिवर्तित करें। 

  • इसके बाद वे बोले हम लोग रन-वे 17 पर उतरेंगे। इसके बाद मैंने आखिरी कॉल नेगेटिव दिया और फिर भोपाल जाने को कहा। इसके बाद बात नहीं हुई। कुछ समय बाद पता चला कि प्लेन क्रैश हो गया है।


दिन व रात में उड़ान भरने की सशर्त अनुमति दी गई है
जांच के दौरान एकेडमी ने अनुमति संबंधी दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। उनमें रात के समय उड़ान भरने को लेकर भी एक परमिशन लैटर था। रात का समय सूर्यास्त से आधा घंटा पहले से व सूर्योदय के आधा घंटा पहले तक माना गया है। अकादमी प्रबंधन ने बताया कि यह एक अन कंट्रोल्ड एयर स्ट्रिप है, इसलिए मौसम की जानकारी आईएमडी की साइट से चैक कर प्राप्त की जाती है। उसके आधार पर ही फ्लाइट के टेक-ऑफ व लैडिंग की परमिशन दी जाती है।