सीबीआई अधिकारी, मंत्रालय सचिव और तहसीलदार बनकर ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया

खंडवा. सीबीआई का फर्जी अधिकारी, मंत्रालय सचिव और तहसीलदार बनकर लाेगाें के सरकारी दस्तावेज पर फर्जी सील व हस्ताक्षर कर ठगी करने वाले युवक काे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी के घर पर दबिश देकर वहां से गृह मंत्रालय, वन मंत्रालय लिखे दाे बाेरे दस्तावेज, तहसीलदार, मजिस्ट्रेट के नाम की सीलें, कम्प्यूटर, रसीदें जब्त की गई है। आरोपी से पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है।


पुलिस के अनुसार, रामेश्वर पिता गेंदालाल निवासी सुरगांव जाेशी, विवेक पिता नारायण तिवारी निवासी अहमदपुर खैगांव व तूफानसिंह पिता शांतिलाल निवासी मंदसाैर ने आनंद नगर में रहने वाले अनिरूद्ध माेतेकर की शिकायत की थी। फरियादियों ने पुलिस काे बताया कि जमीन नामांतरण, रेत परिवहन की अनुज्ञा व सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी के रुपए दिलाने के नाम पर अनिरूद्ध ने उनके साथ ठगी की है। आवेदन के साथ वह फर्जी दस्तावेज भी लगाए, जाे अनिरूद्ध ने उन्हें बनाकर दिए।


शिकायत के बाद माेघट पुलिस ने आरोपी अनिरूद्ध के आनंद नगर स्थित घर पर दबिश दी और गिरफ्तार कर थाने लाई। पुलिस ने आरोपी के घर से दाे बाेरे दस्तावेज जिन पर वन मंत्रालय सचिव, गृह विभाग अपर सचिव लिखे थे, तहसीलदार, मजिस्ट्रेट के नाम की सीलें, कम्प्यूटर, माेबाइल फाेन सहित कई सामग्री जब्त की है।



सीबीआई का फर्जी मैसेज किया
फरियादी तूफानसिंह ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दाेस्त चंद्रभानसिंह निकुंभ निवासी मूंदी काे बैंक में 41 हजार जमा करने दिए थे, लेकिन वह रुपए लेकर भाग गया। इसकी शिकायत उसने मूंदी, माेघट थाने में की लेकिन शिकायत दर्ज नहीं हुई। जान पहचान हाेने से यह बात अनिरूद्ध काे पता चली। अनिरूद्ध ने तूफान काे सीबीआई  कार्यालय खंडवा मप्र के नाम से फर्जी मैसेज किया, जिसमें लिखा कि तूफानसिंह आपकी शिकायत के बाद 41 हजार रु. वसूलने की कार्यवाही की जा चुकी है। मध्यस्थी से हस्ते शेष राशि 3500 रु. देकर अपनी उक्त राशि पाएं।


रेत परिवहन के लिए वन विभाग सचिव की अनुज्ञा दी
आवेदक विवेक पिता प्रकाश नारायण ने पुलिस काे बताया वह किसान है। गांव में कृषि भूमि है, जिस पर वह खेती करता है। अनिरूद्ध ने कहा था कि भूमि का नामांतरण करवा दूंगा, एसडीएम साहब का मेरे यहां आना-जाना है। यही नहीं उसने डीएफओ काे भी अपना करीबी व डीआईजी, हाेशंगाबाद काे अपना भाई बताकर 28 हजार रुपए ले लिए और वन मंत्रालय सचिव के नाम से रेत परिवहन के लिए फर्जी अनुज्ञा बनाकर दे दी। जब फर्जी दस्तावेज बनाने का पता चला और रुपए वापस मांगे ताे अनिरूद्ध ने गालीगलाैज की।


जमीन नामांतरण के लिए 14 हजार की ठगी
आवेदक रामेश्वर निवासी सुरगांव जाेशी ने बताया वह गांव की कृषि भूमि पत्नी मनीषा के नाम करना चाहता था। परिचित हाेने से वह अनिरूद्ध से मिला। उसनेे नामांतरण करवाने के एवज में 14 हजार लिए पर काम नहीं किया। रुपए वापस मांगने गया ताे उसने धमकी देकर गालीगलाैज की। कहा कि मैंने विधायक देवेंद्र वर्मा काे नहीं छाेड़ा ताे तू क्या चीज है। तेरी झूठी रिपाेर्ट डालकर अंदर करवा दूंगा।


युवती से 30 हजार लिए
विवेक तिवारी ने बताया अनिरूद्ध ने नाेएडा निवासी उसकी बहन से म्यूचुअल फंड के नाम से 30 हजार रुपए की ठगी की। यही नहीं, बीए की मार्कशीट सर्टिफाइड कराने के लिए भी उससे 7700 रुपए लिए।


 


अनिरूद्ध माेतेकर के पास से हमें गृह मंत्रालय, वन मंत्रालय वल्लभ भवन, भाेपाल के कई फर्जी दस्तावेज, तहसीलदार, मजिस्ट्रेट सहित कई विभागाें की सीलें मिली हैं। इसके फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर ठगी करने की बात भी सामने आई है। मामले में आरोपी काे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे हैं। मामले में साइबर सेल जांच कर रही है।
ललित गठरे, शहर पुलिस अधीक्षक